आर्यन और श्रेया की प्रेम कहानी, Love story of Aryan and shreya
वो एक लड़का था, जिसका नाम आर्यन था, और एक लड़की जिसका नाम श्रेया था।
वे दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे और एक-दूसरे के साथ बहुत अच्छे दोस्त थे।
धीरे-धीरे उनकी दोस्ती में दिल के क़रीब एहसासों ने जगह बना ली।
एक दिन, एक पार्टी में, श्रेया एक अनहोनी की घटना का शिकार हो गई और आर्यन उसके साथ था।
उस दिन से, उनकी दोस्ती एक प्यार भरी कहानी में बदल गई।
दोनों एक-दूसरे के समर्थन में खड़े रहने लगे और उनके बीच एक ख़ास बंधन हो गया।
लेकिन ख़ुशी की एक समय की कहानी थी, क्योंकि जिंदगी कभी-कभी अपने रंग बदल देती है।
एक दिन, एक घातक रोग श्रेया को पकड़ लिया और डॉक्टर ने उसे बताया कि
उसका समय कम हो गया है।
आर्यन ने दिल के दर्द के साथ उसे समर्थन दिया, लेकिन श्रेया के ह्रदय में एक अजब भावना थी - वह चाहती थी कि वह अपने प्यार को खो दे जिससे वह इस दर्द से मुकाबला कर सके।
उसकी दिल की ये अभिलाषा आर्यन को जानने में थी, और वह श्रेया के साथ जितना भी समय बचा था,
उसे उसकी प्यार भरी ख़्वाहिश पूरी करने का फैसला किया।
वे एक बार फिर साथ आए, ख़ुद को इस प्यार में खो दिया, और अपने दिल की बातें आपसी शर्तों के बिना कह दी।
श्रेया की आंखों में ख़ुशी और दर्द दोनों दिख रहे थे, क्योंकि उसे पता था कि उसके प्यार की अंतिम ख़्वाहिश पूरी हो रही थी।
उनकी ख़ुशियों और दुखों से भरी एक साथ गुजरी रात के बाद, श्रेया ने अपनी आंखें बंद कर ली।
उसके अंतिम समय में, उसका अंतिम मुस्कान आर्यन को थे।
उसके प्रियजनों ने देखा कि वह ख़ुश थी, क्योंकि उसने अपने प्यार को पाने का एक अद्भुत सफ़र पूरा कर लिया था।
आर्यन अब अकेले थे, लेकिन उसके दिल में श्रेया के प्यार की यादें हमेशा जीवित रहेंगी।
उनकी प्रेम कहानी दर्द भरी थी, लेकिन यह सिखाती थी कि प्यार असली जीवन है, जो समय के साथ भी आजीवन बाकी रहता है।
आशीर्वाद गाँव में एक सुंदरी लड़की थी, जिनका नाम मीरा था।
वह गाँव के पास की सुंदर पहाड़ियों में रहती थी।
एक दिन, उसने पहाड़ी छोड़कर नदी के किनारे एक छोटे से गाँव में घुमने का फैसला किया।
वहाँ पहुंचकर, उसने एक युवक से मिली, जिनका नाम आर्जुन था।
उनकी पहली मुलाकात ही कुछ खास सी थी, जैसे कि वे पहले से ही एक-दूसरे को जानते थे।
वे एक-दूसरे के साथ बिताए गए समय में खो गए और एक-दूसरे की कहानियों को सुनने लगे।
दिन बितते गए और मीरा और आर्जुन के बीच की मुलाकातें बढ़ती गईं।
वे एक-दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताने लगे और उनकी मिलनसर बातों में मिठास आ गई।
एक दिन, जब वे नदी के किनारे घूम रहे थे, आर्जुन ने अपने दिल की बात कह दी कि वह मीरा से प्यार करता है।
मीरा थोड़ी सी हकली और आश्चर्यचकित थी, लेकिन फिर उसने भी अपनी भावनाओं को साझा किया कि वह भी
आर्जुन से मोहब्बत करती है।
उनकी प्यार भरी कहानी शुरू हो गई, और उन्होंने एक-दूसरे के साथ अपनी जिंदगी की सबसे ख़ूबसूरत यात्रा शुरू की।
उनकी प्यार और समर्पण भरी कहानी गाँव के लोगों के दिलों में बस गई, और वे सबको प्यार की मिसाल दिखाने लगे।