अपनी आदतों को बदलने , Change your habits

एक समय का बात है, एक आदमी ट्रेन से कहीं जा रहा था, उसके पास कीमती हीरो की पोटली थी। उस आदमी को 2 दिन और दो रात ट्रेन में गुजारने थे। क्योंकि उतना उसको सफर करना था और उसे कहीं पहुंचना था। सफर के पहले ही दिन एक चोर की नजर उस आदमी के हीरो की पोटली पर पड़ गयी।
अब चोर ने दिमाग लगाया और एक बड़ा सा बैग लेकर उसे आदमी के पास जाकर बैठ गया, और उस आदमी से मीठी-मीठी बातें करने लगा। चोर ने सोचा की रात में जब सब सो जाएंगे, तो मैं चुपके से उठकर उन हीरे को चुरा लूंगा।
यह सोचकर चोर बड़ा ही खुश होने लगा। जब शाम का वक्त हुआ 7 या 8 बज रहे थे, तब चोर सो गया। क्योंकि उसे रात में जागना था और हीरे चुराने थे, इसीलिए वो जल्दी से सो गया। जब उस आदमी की सोने का वक्त आया, उस आदमी ने चुपके से अपने हीरो की पोटली अपने बैग में से निकाल कर, उसके पास जो आदमी सोया था उसके बैग में डाल दी।
और उस आदमी के पास कौन सोया हुआ था? वह चोर ही सोया हुआ था। यह सब करने के बाद वह आदमी आराम से सो गया। रात के जब दो-तीन बज रहे थे, तब वो चोर उठा और उसने देखा सब लोग सो गए हैं। फिर उसने, उस आदमी के बैग को अपनी तरफ खींचा और उस बैग को पूरा चेक कर लिया, उस बैग में कुछ नहीं मिला।
वह परेशान हो गया, सारी रात उसे आदमी के बैग को चेक करने के बाद जब उसे कुछ ना मिला, तब उसने देखा कि सुबह के 4:00 रहे थे, तब वह सो गया। उसके सोने के बाद वह आदमी उठा, उसने अपने हीरो की पोटली उस चोर की बैग से निकालकर अपने बैग में वापस रख ली।
जब सुबह हुई और वो चोर सो कर उठा, उसने देखा कि हीरो की पोटली तो उस आदमी के पास ही है, उसे लगा कि मैं रात मेने कुछ गड़बड़ कि है। शायद उस आदमी के बैग को अच्छे से चेक नहीं किया। उसने फिर से प्लान बनाया, कि इस रात बैग को अच्छे से चेक करना पड़ेगा।
वह चोर फिर से शाम होती ही 7:00 बजे जल्दी से सो गया और उस आदमी ने फिर से अपने हीरो की पोटली को अपने बैग से निकाल कर, उस चोर के बैग में डाल दी। चोर रात में फिर से उठा, उस आदमी के बैग को खिंचा, फिर से ढूंढने लगा, लेकिन हीरे नहीं मिले।
वह परेशान होकर फिर से सो गया। वह आदमी सुबह के 5:00 बजे उठा अपनी हीरो की पोटली चोर की बैग से निकल कर, अपने बैग में वापस डाल दिया। जब सुबह हुई स्टेशन आया वह आदमी स्टेशन पर उतरा, तो चोर उसके पास आकर कहने लगा ” मैं जिंदगी में कभी चोरी नहीं करूंगा, बस मुझे इतना बता दो की हीरो की पोटली रखी कहाँ थी? “
उस आदमी ने कहा ” अरे मूर्ख! तू अपना सुख दूसरों की तरफ ढूंढ रहा था अगर तू खुद के अंदर जाता तो तुझे सुख जरूर मिलता। अगर तू अपने गिरेबान में झांकता, तो तुझे पता चलता कि तू चोर नहीं, मालिक था। वो हीरो की पोटली तेरे ही पास थी!”
दोस्तों इस कहानी से हमें बहुत बड़ी सीख मिलती है: हमेशा अपना सुख दूसरों की तरफ ढूंढते रहते हैं और बहुत से लोग हमारी जिंदगी में आते जाते रहते हैं। कोई हमें सुख देता है तो कोई हमें दुख देता है। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो अपनी खुशी दूसरों पर निर्भर कर देते हैं। जबकि अगर आप खुद के अंदर झांकोगे, अपने खुद के गिरेबान मेंझांकोगे तो आपको किसी चीज की कमी महसूस नहीं होगी।

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