कुछ भी संभव है, Anything is possible
एक बार की बात है एक रवि नाक का युवक था, जिसने देश के सबसे ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने का सपना देखा था।
उन्होंने अपने बुजुर्गों से पहाड़ के बारे में कहानियाँ सुना करता था, जो कहते थे कि पहाड़ो पर चढ़ाई करना बहुत ही खतरनाक और कठिन काम है ।
लेकिन रवि ने पहाड़ की शीर्ष पर पहुंचने की ठान ली थी। उसने एक सुबह जल्दी अपनी यात्रा शुरू की, और वह कई दिनों तक चलता रहा।
रास्ता कठिन और जोखिम भरा था, और रवि को अक्सर चट्टानों और पत्थरों पर चढ़ना पड़ता था। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी ।
एक दिन रवि पहाड़ की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंच गया। वह थका हुआ और कमजोर महसूस कर रहा था, लेकिन वह खुशी से भी भरा हुआ था।
उसने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया, और उसने खुद को साबित कर दिया था कि वह जो कुछ भी ठान लेता है उसे पूरा किए बिना नही रूकती ।
जैसे ही वह युवक पहाड़ की चोटी पर खड़ा हुआ, उसनेज़मीन की ओर देखा। उसने हर दिशा में मीलों तक देखा,
और उसे शांति और उपलब्धि की अनुभूति महसूस हुई। वह जानता था कि वह इस पल को कभी नहीं भूलेगा।
रवि की कहानी हमे ये याद दिलाती है कि अगर आप ठान लें तो कुछ भी संभव है।
चुनौती चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, अगर आप कभी हार नहीं मानते, तो आप अंततः अपने लक्ष्य तक पहुंच ही जाएगे ।
अपने सपनों को कभी मत छोड़ो, चाहे वे कितने भी कठिन क्यों न लगें। कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी संभव है।